कृष्ण भजन जिनका दिल मोहन की चौखट का दीवाना हो गया लिरिक्स

गायक – संजू शर्मा जी।

जिनका दिल मोहन की,

चौखट का दीवाना हो गया,

इस जहाँ से दूर उनका,

आशियाना हो गया,

बोलो श्याम श्याम श्याम,

बोलो श्याम श्याम श्याम।।

कर लिया दीदार जिसने,

सांवरे सरकार का,

बन गया नौकर हमेशा,

के लिए दरबार का,

रोज मिलने का प्रभु से,

ये बहाना हो गया,

इस जहाँ से दूर उनका,

आशियाना हो गया,

बोलो श्याम श्याम श्याम,

बोलो श्याम श्याम श्याम।।

ना रही परवाह जगत की,

और कुछ ना भा रहा,

श्याम का श्रृंगार जब,

आँखों के आगे आ रहा,

हल्का सा अंदाज उनका,

आशिकाना हो गया,

इस जहाँ से दूर उनका,

आशियाना हो गया,

बोलो श्याम श्याम श्याम,

बोलो श्याम श्याम श्याम।।

सांसो की सरगम थिरकती,

सांवरे के नाम पे,

मन के साजो पर तराने,

श्याम के बस श्याम के,

उनका दीवाना तो ‘संजू’,

ये ज़माना हो गया,

इस जहाँ से दूर उनका,

आशियाना हो गया,

बोलो श्याम श्याम श्याम,

बोलो श्याम श्याम श्याम।।

जिनका दिल मोहन की,

चौखट का दीवाना हो गया,

इस जहाँ से दूर उनका,

आशियाना हो गया,

बोलो श्याम श्याम श्याम,

बोलो श्याम श्याम श्याम।।