राजस्थानी भजन माटी की मटकी राम राम बोल चेतावनी भजन लिरिक्स

गायक – रामेश्वर देवल।

माटी की मटकी राम राम बोल,

राम राम बोल हरी हरी बोल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।

गर्भवास में उलटा लटकया,

गर्भवास में उलटा लटकया,

बाहर आयो तु कर कर कौल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।

ऊपर से तु चिकनी चुपडी,

ऊपर से तु चिकनी चुपडी,

भीतर से साँची साँची बोल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।

बाहर जगत में आकर नाम न लिना,

बाहर जगत में आकर नाम न लिना,

आगे करे ना कोई कौल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।

कहत कबीरा सुनो भाई साधो,

कहत कबीरा सुनो भाई साधो,

अब तो मुख शब्द बोल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।

माटी की मटकी राम राम बोल,

राम राम बोल हरी हरी बोल,

माटी री मटकी राम राम बोल।।