सुनिए चल हंसा उस देश समंद जहाँ मोती रे भजन लिरिक्स

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चल हंसा उस देश,

समंद जहाँ मोती रे,

समंद जहाँ मोती,

समंद जहाँ मोती रे।।




चल हँसा उस देश निराला,


बिन शशि भान रहे उजियारा,

जहा लागे ना चोट काल की,

जगमग ज्योति रे,

चल हँसा उस देश,

समद जहा मोती रे।।




जब चलने की करी तैयारी,


माया जाल फस्या अति भारी,

करले सोच विचार,

घड़ी दोय होती रे,

चल हँसा उस देश,

समद जहा मोती रे।।




चाल पड्या जद दुविधा छूटी,


पिछली प्रीत कुटुंब से टूटी,

हंसा भरी उड़ान,

हंसिनी रोती रे,

चल हँसा उस देश,

समद जहा मोती रे।।




जाय किया समदर में बासा,


फेर नहीं आवण की आशा,

गावै भानीनाथ,

मोत सिर सोती रे,

चल हँसा उस देश,

समद जहा मोती रे।।




चल हंसा उस देश,


समंद जहा मोती रे,

समद जहा मोती,

समद जहा मोती रे।।

गायक – नरेश प्रजापति।

प्रेषक – रोशन कुमावत, भेरुखेड़ा

8770943301


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