कृष्ण भजन दयालु तुम्हारी दया चाहता हूँ भजन लिरिक्स

Singer : Sanjay Mittal

तर्ज – मोहब्बत की झूठी कहानी पे।

दयालु तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ,

चरणों में थोड़ी जगह चाहता हूँ,

जगह चाहता हूँ।।

अज्ञानता ने डेरा जमाया,

किया मन को चंचल ऐसा लुभाया,

ले लो शरण में शरण चाहता हूँ,

शरण चाहता हूँ,

दयालू तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ।।

उठे चाहे आँधी तूफ़ान आये,

मेरे मन को भगवन डीगा नहीं पाए,

विश्वास ऐसा तेरा चाहता हूँ,

तेरा चाहता हूँ,

दयालू तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ।।

नज़रें करम गर हुई ना तुम्हारी,

रहेगी उजड़ती आशा की क्यारी,

खिले फूल गुलशन सदा चाहता हूँ,

सदा चाहता हूँ,

दयालू तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ।।

विनती सुनो ना मेरी कन्हैया,

मिले भीख तेरी दया की कन्हैया,

‘नन्दू’ दीवाना बनू चाहता हूँ,

बनू चाहता हूँ,

दयालू तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ।।

दयालु तुम्हारी दया चाहता हूँ,

दया चाहता हूँ,

चरणों में थोड़ी जगह चाहता हूँ,

जगह चाहता हूँ।।