नए कवि का दुख – केदारनाथ सिंह शायरी

Read शायरी of नए कवि का दुख – केदारनाथ सिंह on e akhabaar, Translations and Full wording of नए कवि का दुख – केदारनाथ सिंह शायरी

केदारनाथ सिंह, हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे. यहाँ पढ़िए उनकी ही एक बेहद खूबसूरत हिंदी कविता जिसका शीर्षक है “नए कवि का दुख “.

दुख हूँ मैं एक नए हिन्दी कवि का


बाँधो


मुझे बाँधो


पर कहाँ बाँधोगे


किस लय, किस छन्द में ?

ये छोटे छोटे घर


ये बौने दरवाज़े


ताले ये इतने पुराने


और साँकल इतनी जर्जर


आसमान इतना ज़रा-सा


और हवा इतनी कम-कम


नफरत यह इतनी गुमसुम सी


और प्यार यह इतना अकेला


और गोल-मोल

बाँधो


मुझे बाँधो


पर कहाँ बाँधोगे


किस लय, किस छन्द में ?

क्या जीवन इसी तरह बीतेगा


शब्दों से शब्दों तक


जीने


और जीने और जीने ‌‌और जीने के


लगातार द्वन्द में ?

Submit the Corrections in नए कवि का दुख – केदारनाथ सिंह शायरी at our page