बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे – गोपाल सिंह नेपाली शायरी

Read शायरी of बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे – गोपाल सिंह नेपाली on e akhabaar, Translations and Full wording of बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे – गोपाल सिंह नेपाली शायरी

गोपाल सिंह नेपाली हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे. प्रस्तुत है उनकी एक बेहद खूबसूरत हिंदी की कविता जिसका शीर्षक है – “बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे “.

बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे


सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,


सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी


बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे


सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए


अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए


नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे


सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना


बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना


बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे


सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

Submit the Corrections in बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे – गोपाल सिंह नेपाली शायरी at our page