राजस्थानी भजन मचियो जगत में हाहाकार साम्भलजो भाया

मचियो जगत में हाहाकार,

साम्भलजो भाया,

मचीयो जगत में हाहाकार,

आयो कोरोना जग में,

बन्दे मत डोल मद में,

आयो कोरोना जग में,

बन्दे मत डोल मद में,

ओसो तो सस्तो मती जान,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

छेडी कुदरत की कबान,

कोई मुल्क बावलो,

छेडी कुदरत की कबान,

भक्षण कच्चा जीवो रो,

अण बोल्या जीव थे मारो,

अब छिडगयो नाश अपार,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

डरनो नही आफत जान,

लडनो है इनसु,

डरनो नही आफत जान,

पहले स्वयं को धारो,

बचना रो एक है चारो,

पहले स्वयं धारो,

बचना रो एक है चारो,

हाथ धोवो बार बार,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

खास बुजुर्गों रो ध्यान,

फिर बालक सम्भालो,

खास बुजुर्गों रो ध्यान,

कम करदो आणो जाणो,

मांसाहारी भोजन खानो,

कम करदो आणो जाणो,

मांसाहारी भोजन खानो,

इनविद पावोला थे पार,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

मानो सरकारी आदेश,

मत जिद नेे तानो,

मानो सरकारी आदेश,

ओ भी संकट है देश रो,

चहिजे सहयोग सबरो,

ओ भी संकट है देश रो,

चहिजे सहयोग सबरो,

विष्णु की पुकार,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

मचियो जगत में हाहाकार,

साम्भलजो भाया,

मचीयो जगत में हाहाकार,

आयो कोरोना जग में,

बन्दे मत डोल मद में,

आयो कोरोना जग में,

बन्दे मत डोल मद में,

ओसो तो सस्तो मती जान,

मचीयो जगत में हाहाकार।।

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