राजस्थानी भजन सतगुरु जी ने मिलवा हालो रे सजलो ने सिंगार

Singer : Jogbharti Ji

सतगुरु जी ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार,

सजलो ने सिंगार,

सुरता सजलो ने सिंगार रे,

सतगुरु जी ने मिलवा हालों रे,

सजलो ने सिंगार।।

निर्मल नीर सीर पर रालो,

कचरो परू निवार,

राम नाम रो साबू लगा दे,

साफ करो तन सार रे,

सांवरिया ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार।।

गम रो गागरो पेर सुहागन,

नेम रो नाडो बाँध,

जरना री गाँठ जगत कर दीजो,

वीकरे हंसे संसार रे,

सांवरिया ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार।।

चेतन चुनड़ी ओढ़े सुहागन,

प्रेम री पटली पाड़,

राम नाम री तार लगादे,

जड़ रिजे भरतार,

सांवरिया ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार।।

ओपरा पियू ने निजर भर निरखो,

अजर अमर भरतार,

लुलखे सीस निवावो जिनने,

उतरे सिर रो भार रे,

रामैया ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार।।

नाथ गुलाब गुरु मिलिया पुरा,

सिर पर पंधो धार,

भवानी नाथ सतगुरुजी रे शरणे,

सेहजा हो जाए पार,

सावरिया ने मिलवा हाल रे,

सजलो ने सिंगार।।

सतगुरु जी ने मिलवा हालो रे,

सजलो ने सिंगार,

सजलो ने सिंगार,

सुरता सजलो ने सिंगार रे,

सतगुरु जी ने मिलवा हालों रे,

सजलो ने सिंगार।।