सुनिए जबसे खाटू हुआ आना जाना मिल गया मुझको मेरा ठिकाना

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जबसे खाटू हुआ आना जाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना,

ज़िन्दगी का हुआ पल सुहाना,

अब ना बाकी रहा कुछ भी पाना,

जबसे खाटु हुआ आना जाना।।

तर्ज – धीरे धीरे से मेरी।




मैं क्या बतलाऊँ,


कितनी मेरी आँखें रोई,

अब करता नहीं हूँ,

मैं कल की अब चिंता कोई,

मुझे चैन मिला,

सांवरिया तेरे चरणों में,

तुमने ही जगा दी,

मेरी ये किस्मत सोई,

दिया तुमने ये नज़राना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना,

जबसे खाटु हुआ आना जाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना।।




ये ही पहली आखरी,


इच्छा थी मेरे मन की,

तेरी सेवा करूँ,

दिन रात ना चाहत है धन की,

तुझे पाकर मैंने,

श्याम धणी सब कुछ पाया,

हुई पूरी तमन्ना,

मेरे हलचल जीवन की,

भाग्य मेरा तुझे श्याम पाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना,

जबसे खाटु हुआ आना जाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना।।




दुनियादारी के,


चक्कर में अनजान रहा,

सब कुछ होकर,

मेरे पास मैं परेशान रहा,

तेरी चौखट की,

माटी को लगाया जब माथे,

‘कुंदन’ हर लम्हा,

जीने का आसान रहा,

रिश्ता ऐसे ही आगे निभाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना,

जबसे खाटु हुआ आना जाना,

मिल गया मुझको मेरा ठिकाना।।




जबसे खाटू हुआ आना जाना,


मिल गया मुझको मेरा ठिकाना,

ज़िन्दगी का हुआ पल सुहाना,

अब ना बाकी रहा कुछ भी पाना,

जबसे खाटु हुआ आना जाना।।

Singer: Gajender Sharma


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