सुनिए मावस ने म्हारा श्याम धणी मल मल कर नहावे रे भजन लिरिक्स

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दूध दही घी ले जल झारी रे,

मावस ने म्हारा श्याम धणी,

मल मल कर नहावे रे,

मल मल कर नहावे रे,

श्याम अभिषेक करावे रे,

दूध दही घी ले जल झारी रे,

मावस ने म्हारा श्याम धणीं,

मल मल कर नहावे रे।।




नहाय धोय पीताम्बर पहने,


फिर श्रृंगार करावे,

केसर चन्दन घिस घिस बाबो,

लाम्बो तिलक लगावे रे,

नैणा कजरो खूब घुलावे रे,

मावस ने म्हारा श्याम धणीं,

मल मल कर नहावे रे।।




जी जल से नहावे बाबो,


वो जल अमृत बन जावे,

श्याम प्रेमी वी जल ने पीकर,

जम से भी लड़ जावे,

वा पे श्याम कृपा हो जावे है,

मावस ने म्हारा श्याम धणीं,

मल मल कर नहावे रे।।




मावस का जो दर्शन करले,


अँधियारो मिट जावे,

करम करेड़ा दोष मिटे सब,

उजियारो छा जावे,

‘सरिता’ घर में खुशियां आवे है,

Bhajan Diary Lyrics,

मावस ने म्हारा श्याम धणीं,

मल मल कर नहावे रे।।




दूध दही घी ले जल झारी रे,


मावस ने म्हारा श्याम धणी,

मल मल कर नहावे रे,

मल मल कर नहावे रे,

श्याम अभिषेक करावे रे,

दूध दही घी ले जल झारी रे,

मावस ने म्हारा श्याम धणीं,

मल मल कर नहावे रे।।

स्वर – विवेक शर्मा जीतू।


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