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हौसलों की आज उड़ान देखिये
और सूरत-ए- आसमान देखिये
फूल पे बिखरी मुस्कान देखिये
ख़ास है मिरा खानदान देखिये
बोल-बोल शी रीं ज़बान देखिये
लूटता गया पासबान देखिये
बेरूख़ी से और भड़क जाय है
प्यार की अजीब दास्तान देखिये
आख़िर-ए-कार ख़त्म हो गई सज़ा
और नया कोई मकान देखिये
बात कुछ भी नहीं थी यारो मगर
फ़ासले आज दरमियान देखिये
फ़सल खड़ी हुई बरसात ले गई
रो पड़ा’सरु’ दिल से किसान देखिये
सुरेश सांगवान’सरु’
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