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एस्टरीकरण की परिभाषा :

अल्कोहल या फिनॉल की क्रिया कार्बोक्सिलिक अम्ल , अम्ल क्लोराइड , एनहाइड्राइड से करने पर हमेशा एस्टर बनते है।

CH3-COOH + H-O-C2H5   →  CH3-COOC2H5  + H2O

CH3-COCl + H-O-C2H5   → CH3-COOC2H5  + HCl

CH3-COCl + H-O-C6H5 →  CH3-COOC6H5 + HCl

वे अभिक्रिया जिनमे R-OH बंध टूटता है

  1. PCl5, PX3 , SOCl2 से क्रिया:

R-OH + PCl5  →  RCl + POCl3 + HCl

3R-OH + PH3 →  H3PO3 + 3R-X

R-O-H + SOCl2  → R-Cl + SO2 + HCl

2. एल्कोहल का निर्जलीकरण :

जब एल्कोहल को सान्द्र H2SO4 या H3PO4 की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो एल्कीन बनती है।

CH3-CH2-OH → CH2=CH2 + H2O

एथेनॉल के निर्जलन की क्रियाविधि:

CH3-CH2-OH → CH2=CH2 + H2O

क्रियाविधि (Mechanism) :

यह क्रिया तीन पदों में होती है।

पहले पद में एथिल एल्कोहल प्रोटोन ग्रहण करके एथिल ओक्सोनियम आयन बनता है।

दूसरे पद में ओक्सोनियम आयन जल का अणु त्यागकर कार्बोकैटायन बनाता है।

कार्बोकैटायन प्रोटोन त्यागकर एथिन बनाता है।

H-CH2–+CH2 → H+ + CH2=CH2

एल्कोहल के निर्जलन की क्रियाशीलता का क्रम लिखिए

30 > 20 > 10 alcohol

3. उत्प्रेरकीय विहाइड्रोजनीकरण :

  • यह क्रिया कॉपर की उपस्थिति में 573k ताप की उपस्थिति में की जाती है।
  • यह 30 ,  20 , 10 alcohol में अंतर के काम आती है।
  •  10 एल्कोहल से एल्डिहाइड जबकि 20 एल्कोहल से कीटोन तथा 30 एल्कोहल को निर्जलन से एल्कीन बनते है।

CH3-CH2-OH → H2 + CH3-CHO

4. ल्यूकास अभिकर्मक से क्रिया :

सांद्र HCl तथा निर्जल ZnCl2 के मिश्रण को ल्यूकास अभिकर्मक कहते है।

सभी एल्कोहल ल्यूकास अभिकर्मक से क्रिया करके R-Cl बनाते है जिससे धुंधलापन दिखाई देता है।

R-OH + HCl → R-Cl + H2O

  • यह 30 ,  20 , 10 alcohol में अंतर के काम आती है।

30 alcohol →  तुरंत

20 alcohol →  5 मिनट बाद

10 alcohol →  30 मिनट बाद R-Cl का धुंधलापन दिखाई देता है।

अतः एल्कोहल की ल्यूकास अभिकर्मक से क्रियाशीलता का क्रम

30 > 20 > 10 alcohol

5. ऑक्सीकरण :

ऑक्सीकारक – H+/KMnO4 , H+/K2Cr2O7 , OH–/ KMnO4 , di/HNO3

10 एल्कोहल का उपरोक्त पदार्थों की उपस्थिति में ऑक्सीकरण करने से पहले एल्डिहाइड बनते है जिसके ऑक्सीकरण से कार्बोक्सिलिक अम्ल बनता है।

CH3-OH + (O) → HCHO → HCOOH

CH3-CH2-OH + (O) → CH3-CHO  →  CH3-COOH

नोट : 10 एल्कोहल से केवल एल्डिहाइड बनाने के लिए पिरिडीनियम क्लोरो क्रोमेट (PCC) अभिकर्मक काम में लेते है इसका सूत्र निम्न है।

C5H5N.HCl.CrO3

20 एल्कोहल के ऑक्सीकरण से कीटोन बनते है।

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