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1. जब हमें प्रत्यावर्ती धारा को अधिक दूरी तक भेजने की आवश्यकता होती है तो हम ट्रांसफॉर्मर का उपयोग करते है , ट्रांसफोर्मर के माध्यम से प्रत्यावर्ती धारा को कम शक्ति हास या नुकसान के साथ भी अधिक दूरी तक भेजा जा सकता है।  ट्रांसफोर्मर निम्न वोल्टेज को उच्च वोल्टेज में परिवर्तित कर देता है जिससे यह अधिक दूरी तक जा सके।

2. जब हमें दिष्ट धारा की आवश्यकता पड़ती है और हमारे पास प्रत्यावर्ती धारा उपलब्ध होती है तो इस प्रत्यावर्ती धारा को दिष्टकारी युक्ति का इस्तेमाल करके प्रत्यावर्ती धारा से दिष्ट धारा में बदला जा सकता है।  यही कारण होता है की दिष्ट धारा पर चलने वाले उपकरण में भी प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग किया जा सकता है क्यूंकि इनमे अन्दर दिष्टकारी युक्ति लगी रहती है जो प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में बदल देता है और उपकरण को दिष्ट धारा मिलती है जिससे यह ठीक से कार्य करता है।

3. दिष्ट धारा जनित्र मोटर महंगा होता है इसलिए इसका उपयोग सामान्यत: नही किया जाता है इसके स्थान पर प्रत्यावर्ती धारा जनित्र मोटर का उपयोग किया जाता है क्यूंकि यह सस्ता होता है।

प्रत्यावर्ती धारा के नुकसान या दोष:

हमने यहाँ प्रत्यावर्ती धारा की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया , अब हम बात करते है इसके क्या क्या नुकसान हो सकते है।

1. जब आपसे कोई पूछे की प्रत्यावर्ती धारा तथा दिष्ट धारा में कौनसी अधिक खतरनाक या नुकसान दायक है तो आपका उत्तर होगा की प्रत्यावर्ती धारा अधिक जानलेवा है क्यूंकि समान मान की प्रत्यावर्ती वोल्टेज का शिखर मान इसके rms मान का 2  गुना होता है।

Remark:

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